नई दिल्ली. केंद्रीय कैबिनेट (Central Cabinet) की बैठक में तीन अहम फैसले लिए गए. इनमें जनगणना 2027 (Census 2027) के लिए 11718 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी मिली. देशव्यापी जनगणना की तैयारियों के लिए सरकार ने बड़ा वित्तीय आवंटन किया. इसके अलावा कोयला लिंकिंग नीति में बड़ा सुधार करते हुए कोलसेतु को मंजूरी दी.
census 2027
नई नीति लागू करने का उद्देश्य कोयला आपूर्ति और पारदर्शिता बढ़ाना था और तीन फैसला नारियल किसानों के हित में लिया गया. कोप्रा 2026 सीज़न के लिए MSP पर नीतिगत अनुमति पर मोहर लगी. सरकार 2027 की जनगणना में शामिल किए जाने वाले जाति संबंधी सभी प्रश्नों की सूची वाला एक राजपत्र अधिसूचना जारी करेगी. उन्होंने कहा कि अधिसूचना से प्रश्नावली के प्रारूप पर पूरी स्पष्टता आएगी और जनगणना प्रक्रिया आगे बढ़ने के साथ पारदर्शिता सुनिश्चित होगी.
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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2027 की राष्ट्रीय जनगणना दो चरणों में 28 फरवरी और 1 मार्च 2027 की मध्य रात्रि से शुरू होगी. पहले चरण में घरों की सूची बनाना और आवास जनगणना शामिल है, इसके लिए समय अप्रैल से सितंबर 2026 तक निर्धारित किया गया है.
दूसरा चरण फरवरी 2027 में शुरू होगा, पहाड़ी क्षेत्रों में यह सितंबर 2026 में होगा. 2027 में पहली डिजिटल जनगणना होगी. जनगणना का डिजिटल डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है. नागरिकों को मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से स्वयं गणना करने का विकल्प मिलेगा. जनगणना 2027 के लिए 11718 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी मिली
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आगामी जनगणना में उत्तरदाताओं को अपनी जाति की जानकारी देने से छूट दी जाएगी. उन्होंने बताया कि केवल व्यापक स्तर का एकत्रित डेटा ही प्रकाशित किया जाएगा, जबकि व्यक्तिगत स्तर का डेटा डिजिटल व्यक्तिगत डेटा census 2027 संरक्षण अधिनियम (डीपीडीपी) के अनुसार गोपनीय रहेगा. मंत्री ने कहा कि ये सुरक्षा उपाय जनगणना के दौरान गोपनीयता और डेटा सुरक्षा दोनों सुनिश्चित करते हैं.
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