छत्तीसगढ़ टुडे न्यूज। छत्तीसगढ़ के धमतरी में डेढ़ साल के बच्चे का शव जंगल से बरामद किया गया है। सिर और चेहरे पर गंभीर चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे वन्य प्राणी के हमले की आशंका जताई जा रही है। बच्चे की पहचान देवेश मरकाम के रूप में हुई है। परिजन दो दिनों से उसकी तलाश कर रहे थे।
घटना उदंती सीतानदी अभ्यारण्य के रिसगांव परिक्षेत्र के ग्राम गाताबाहरा की है। जानकारी के मुताबिक, रविवार शाम करीब 6 बजे बच्चा अपने घर के बाहर खेलते हुए अचानक लापता हो गया था। इसके बाद ग्रामीणों ने गांव और आसपास के जंगलों में उसकी तलाश शुरू की।
लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। मंगलवार शाम को बच्चे की लाश घर से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर जंगल में मिला। चेहरे पर नोचने के निशान स्पष्ट रूप से दिख रहे थे। वन विभाग ने क्षेत्र में 50 ट्रैप कैमरे लगाकर वन्य प्राणियों की निगरानी शुरू कर दी है, ताकि हमलावर जानवर की पहचान की जा सके। पुलिस भी अपने स्तर पर जांच में जुटी हुई है।
कुत्ते के पैरों के निशान भी पाए गए
उदंती सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र के डीएफओ वरुण जैन ने बताया कि करीब डेढ़ साल के बच्चे का शव जंगल में मिला था, जिसके चेहरे पर नोचने के निशान थे। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जांच की। घर से कुछ दूरी तक बच्चे के पैरों के निशान के साथ-साथ एक व्यक्ति और कुत्ते के पैरों के निशान भी पाए गए हैं।
जंगल में 50 ट्रैप कैमरे लगाए गए
डीएफओ वरुण जैन ने आशंका जताई कि किसी बड़े वन्य प्राणी के आने पर व्यक्ति और कुत्ता मौके से भाग गए होंगे। बच्चे को वन्य प्राणी ने अपना शिकार बनाया होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे के चेहरे पर नोचने के निशान तेंदुए के हमले जैसे नहीं लग रहे हैं। सच्चाई का पता लगाने के लिए जंगल में करीब 50 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी तस्वीरों से स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
मामले की जांच में जुटी पुलिस-वन अमला
डीएफओ ने पुष्टि की है कि चेहरे पर मिले निशानों से प्रतीत होता है कि किसी वन्य प्राणी ने ही बच्चे को नुकसान पहुंचाया है। बच्चे के परिजनों को तत्काल 25,000 रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई है। वन विभाग और पुलिस टीम दोनों इस मामले की गहनता से जांच कर रही हैं।

