राष्ट्रीय दुग्ध दिवस
2015 से गोसेवा के साथ पांच लाख का लोन लेकर शुरू किया था डेयरी व्यवसाय, रोजाना 100 घरों में पहुंचा
नईदुनिया प्रतिनिधि, धमतरी मगरलोड ब्लाक के ग्राम मेघा निवासी 48 वर्षीय किसान पूर्णानंद पटेल 2015 से गोसेवा के साथ डेयरी व्यवसाय कर रहे हैं। इनके पास खेती जमीन कम होने से इन्होंने डेयरी व्यवसाय करने की ठानी और आगे बढ़े। इन्होंने बैंक से पांच लाख रुपये का लोन लेकर 15 डिसमिल जगह में व्यवसाय शुरू किया है। वे स्वयं ग्राहकों के घर जाकर सुबह शाम दूध बांटते हैं। इस व्यवसाय से स्वयं आत्मनिर्भर हुए और अपने साथ सात लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं।
भारत में हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है। इसे मानने का मुख्य उद्देश्य दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना और लोगों को सेहत के प्रति जागरूक करना है। राष्ट्रीय दुग्ध दिवस न केवल दूध के महत्व की याद दिलाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि सही प्रयास और नेतृत्व से कैसे एक देश आत्मनिर्भर बन सकता है। इस दिन दूध के फायदे और भारत में श्वेत क्रांति लाने वाले डा वर्गीस कुरियन के योगदान को याद करते हुए दूध को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने का संकल्प लेना चाहिए।
ग्राम मेघा निवासी पूर्णानंद पटेल ने घर की बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए खेती जमीन कम होने से कुछ और व्यवसाय करने की जिद ठानी। इसके बाद गो सेवा के साथ दूध उत्पादन के लिए डेयरी व्यवसाय शुरू करने आईडीबीआई बैंक राजिम से पांच लाख रुपये का लोन लिया और काम शुरू किया। इसमें सवा लाख सब्सिडी इनको मिली थी। वर्तमान में इनके पास 56 गोवंश है। जिसमें 35 देशी गाय है 12 दूध दे रही है। रोज 60 लीटर दूध निकल रहा है जिसे मेघा में ही बेच देते हैं। सुबह लगभग 60 और शाम को 40 घरों में जाकर स्वयं दूध बांटते हैं। इनके पिता स्वर्गीय रामगोपाल पटेल शिक्षक के नाम से गोशाला संचालित कर रहे हैं।
इनके मित्र जनपद अध्यक्ष मगरलोड वीरेंद्र साहू इन्हें कृषि को उन्नत तरीके से करने और डेयरी व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। दूध के साथ ही इससे बने उत्पाद दही, पनीर, घी भी बेचते हैं। देशी गाय का शुद्ध दूध 50 रुपये लीटर और घी 2000 रुपये किलो में बेचते हैं।